Government Plans to Sell a Stake in LIC – How Will It Impact Policyholders?

भारत सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC (Life Insurance Corporation of India) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। यह कदम Government Plans to Sell a Stake in LIC शीर्षक से सुर्खियों में है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार लगभग 1 से 1.5 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,000 से ₹12,000 करोड़) की हिस्सेदारी बेच सकती है।

इसका मकसद LIC में public float यानी आम जनता की हिस्सेदारी बढ़ाना है, ताकि SEBI के नियमों का पालन किया जा सके।

सरकार क्यों बेच रही है LIC में हिस्सेदारी?

जब LIC को 2022 में शेयर बाजार में लिस्ट किया गया था, तब सरकार की हिस्सेदारी करीब 96.5% थी।
सेबी के अनुसार, किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी अधिकतम 75% तक होनी चाहिए।
इसलिए सरकार अब धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी घटाकर नियमों के अनुसार लाने की योजना बना रही है।

इस कदम से क्या फायदे होंगे?

अइये देखते है इस कदम से क्या फायदा होगा

  • सरकार को अतिरिक्त फंड मिलेगा, जिससे वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी।
  • निवेशकों को LIC में नए निवेश का मौका मिलेगा।
  • शेयरों की liquidity बढ़ेगी, जिससे ट्रेडिंग आसान होगी।
  • कंपनी की पारदर्शिता और विश्वसनीयता में सुधार होगा।

क्या असर पड़ेगा पॉलिसीधारकों पर?

LIC ने कहा है कि इस हिस्सेदारी बिक्री से policyholders पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। सभी पॉलिसियां, क्लेम और बोनस पहले की तरह जारी रहेंगे। यह बदलाव सिर्फ कंपनी की ownership structure से जुड़ा है, न कि उसकी सेवाओं से।

विशेषज्ञों की राय:

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि Government Plans to Sell a Stake in LIC एक सकारात्मक कदम है।
इससे LIC की जवाबदेही बढ़ेगी और निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा।

सरकार का यह कदम LIC को एक अधिक पारदर्शी, मजबूत और प्रतिस्पर्धी कंपनी बनाने की दिशा में अहम कदम है।
निवेशकों के लिए यह LIC में दोबारा निवेश का अच्छा मौका भी हो सकता है।

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